मैनपुरी के रामलीला मैदान पर शनिवार से शुरू हुई श्री रामकथा में प्रथम दिन श्रीराम कथा के महत्व और उसके श्रवण से मनुष्य को मिलने वाले धर्मलाभ का बालव्यास पं शशिशेखर जी ने मनोहारी वर्णन किया। कथा पण्डाल में उपस्थित श्रोता देर शाम तक संगीतमय रामकथा का श्रवण कर भक्तिरस में डूबे रहे।
आचार्य शशि शेखर जी ने कहा कि श्रीरामकथा सुनने के लिए हृदय में भक्ति का भाव होना भी जरूरी है क्योंकि बिना भक्ति के रामकथा सुनने से भला होने वाला नहीं है। रामकथा सभी ग्रंथों का सार है। श्रीराम नाम के श्रवण मात्र से मनुष्य का उद्धार हो जाता है। रामकथा का श्रवण मात्र ही नहीं करना चाहिए बल्कि राम जी के चरित्र से प्रेरणा लेकर हमको उसपर अमल भी करना चाहिए। श्रीराम कथा श्रवण से पापी और अधर्मी लोगों का भी जीवन सुधर जाता है।
इससे पूर्व जजमान सुशीलकान्त उपाध्याय सहित कमेटी के पदाधिकारियों ने व्यास जी का पूजन किया। रामलीला मैदान की बाउंड्रीवाल के निर्माण मे सहयोग करने वाले महेशचंद्र अग्निहोत्री, वीरबहादुर सर्राफ, हरिबाबू गुप्ता, डॉ प्रदीप गुप्ता, रमेशचंद्र सर्राफ, ओमकुमार चौहान, मनोज चौहान को आचार्य जी ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। रविवार को सायं 4.30 बजे श्रीरामकथा का श्रवण करने मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री सहित जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी पहुंचेंगे। इस दौरान वीरसिंह भदौरिया, अशोक गुप्ता पप्पू, आदित्य जैन, दिगम्बर सिंह भदौरिया बाबाजी, सुरेंद्र चौहान, धीरज बाबू, महावीर सिंह भदौरिया, कैलाश तिवारी, हाकिम सिंह राजपूत, ए के सिंह परमार, मनोज राठौर, विनोद बाबू, शशिकांत पाण्डेय, गौरव शुक्ला, अम्बुज मिश्रा, कुलदीप श्रीवास्तव, प्रवीन्द्र सिंह, पूनम उपाध्याय, सरिता भदौरिया आदि मौजूद रहे।
रिपोर्टर अमित कौशिक
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