मनोरंजन के नाम पर ओटीटी प्लेटफार्म पर वेब सीरीज के जरिए फैलाई जा रही अश्लीलता हमारे सभ्य मानव समाज के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो रही है। नई -नई टेक्नोलॉजी मनोरंजन जगत में नए- नए आयाम खड़े कर रहे है। वर्तमान समयांतराल में ओटी प्लेटफार्म के जरिये वेब सीरीज के नाम पर समाज मे महिला देह को खुलेआम दिखाकर मनोरंजन के नाम पर अश्लीलता परोसी जा रही है। अगर देखा जाए तो सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय का भी ओटी प्लेटफार्म पर कोई नियंत्रण नही है।यह एक नई प्रकार की टेक्नोलॉजी है जिसके ही वजह से ओटीटी प्लेटफार्म पर अश्लीलता परोसकर मोटी रकम वसूली जा रही है। वर्तमान समय उल्लू और अन्य कई ओटीटी प्लेटफार्म पर जमकर महिला देह की नुमाईश एवं नग्नता को दिखाकर यह फ़िल्म निर्देशक समाज को क्या सन्देश देना चाहते है।गंदी फिल्मों को अब इरॉटिक कंटेंट कहा जाने लगा है एक से बढ़कर एक ओटीटी प्लेटफार्म है जिनके जरिए यह सब कंटेंट आसानी से आपको टीवी,कंप्यूटर से लेकर स्मार्टफोन की स्क्रीन तक पर उपलब्ध है। आज समाज ने भी इसे पहले से अधिक अपना लिया है। इसलिए एक ही ओटीटी पर मौजूद अलग-अलग उम्र के कंटेंट घर के ड्राइंग रूम से लेकर बेडरूम तक अलग अलग देखे जाते हैं हालांकि नेटफ्लिक्स एंड अमजॉन प्राइम, ऑल्ट बालाजी जैसे सर्वर के अलावा कुछ अनजान ओटीटी प्लेटफार्म और एप्प्स ने भी पिछले कुछ समय में बहुत तेजी से अपनी जगह बनाई है।साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि मॉनिटरिंग और कानूनी खामियों की वजह से भी इन एरोटिक कंटेंट रोकने वाले ऑडिटर प्लेटफॉर्म की प्रकृति में तेजी आई है साल 2000 में आए सूचना प्रौद्योगिकी कानून में अश्लील कंटेंट और पॉर्नोग्राफी को लेकर कुछ प्रावधान तो है लेकिन इनके तहत कार्रवाई करने को लेकर कानूनी एजेंसियां अक्सर निराश ही रहते हैं। ऐसे में ओटीटी प्लेटफार्म को पूरी तरह नियंत्रित करने के लिए ठोस और स्पष्ट कानून प्रावधान नहीं है। सरकार इसको नियंत्रित करने के लिए जरूरी कानून अभी तक नहीं ला पाई।इसके लिए भारत के आईटी एक्ट में संशोधन करना बेहद जरूरी है जैसा कि कानून संशोधन एक बहुत ही मुश्किल प्रक्रिया है ऐसे में ऑर्डिनेंस लाकर भी इसे कंट्रोल किया जा सकता है ।
इरफान खान यूपी हेड बांगरमऊ उन्नाव।