ज़िला उन्नाव के परिषदीय विद्यालयो में पढ़ने वाले मुस्लिम समाज तथा उर्दू पढ़ना चाहने वाले बच्चों को उर्दू के स्थान पर संस्कृत की पुस्तकें दी जा रही थी जिस पर सफीपुर निवासी अरशद अली ने जनवरी,2020 में BEO सि0कर्ण के विरुद्ध शिकायती पत्र दिया गया,परंतु जांच अधिकारी द्वारा उसे रद्दी की टोकरी में डाले रखा गया।अरशद अली द्वारा जन सूचना अधिकार के तहत सूचना मांगी।अंत में जाकर राज्य सूचना आयोग,लखनऊ के द्वारा शिक्षा विभाग को नोटिस जारी की गई जिस पर आनन-फानन में जांच अधिकारी द्वारा 10 माह बाद जांच में BEO सिकंदरपुर कर्ण को मात्र चेतावनी देकर अधूरी जांच कर आख्या प्रेषित कर दी गई ।वही BEO हिलौली द्वारा 404 बच्चों के स्थान पर मात्र 120 उर्दू पुस्तकों की मांग की गई थी इसके संबंध में उनके विरुद्ध चल रही जांच में शिक्षा विभाग के अधिकारी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।आपको यह भी बताते चलें कि अभी भी जनपद में लगभग 50 से अधिक विद्यालयों में उर्दू पढ़ने वाले बच्चों को उर्दू की पुस्तकें इस वर्ष भी नहीं पहुंच पाई हैं। रहा है। जनपद जनपद स्तर पर समय से जांच पूरी न होने के कारण अरशद अली द्वारा विकास खंड मियागंज में कई वर्षों से उर्दू एक विषय की पुस्तकें न पहुँचने की जांच किसी अन्य जनपद से कराने की मांग की है।अब देखना ये है कि सैकड़ो बच्चो का भविष्य बिगाड़ने वाले BEO हिलौली और मियागंज की उर्दू पुस्तको के संबंध में चल रही जांच में दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही होती है या BEO सि0कर्ण की तरह इन्हें भी चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता है।
इरफान खान बांगरमऊ उन्नाव।